LUCC चिटफंड घोटाले में ठगी और धमकियों से दहशत में पीड़ित, तहसील समाधान दिवस में लगाई गुहार
एजेंट्स पर रकम हड़पने और दबंगों पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप

कालपी (जालौन)। LUCC चिटफंड घोटाले में ठगे गए कालपी नगर के पीड़ितों ने शनिवार को तहसील समाधान दिवस में पहुंचकर उपजिलाधिकारी सुशील कुमार एवं कोतवाली प्रभारी नागेंद्र पाठक को अलग-अलग प्रार्थना पत्र सौंपकर न्याय की गुहार लगाई। पीड़ितों का आरोप है कि स्थानीय एजेंट्स ने झूठे प्रलोभन देकर उनकी मेहनत की कमाई हड़प ली और अब जब वे अपनी रकम वापस मांग रहे हैं, तो उन्हें दबंगों के जरिए धमकाया जा रहा है। इस मामले में पीड़ितों ने प्रशासन से कड़ी कानूनी कार्रवाई और सुरक्षा की मांग की है।
गरीबों को दिया झांसा, जीवनभर की कमाई लूटी
पीड़ितों ने प्रार्थना पत्र में बताया कि वे कालपी नगर के विभिन्न मोहल्लों के निवासी हैं। इनमें से अधिकतर लोग मेहनत-मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। कोई ठेला चलाता है, कोई रेहड़ी-पटरी पर सामान बेचता है, तो कुछ महिलाएं कागज फैक्ट्री में कार्य करती हैं। सभी ने अपनी जीवनभर की कमाई, बेटियों की शादी के लिए बचाया गया धन, और यहां तक कि कुछ ने अपने गहने बेचकर भी LUCC चिटफंड कंपनी में निवेश किया था।
पीड़ितों का कहना है कि LUCC नामक चिटफंड कंपनी के स्थानीय एजेंट्स जावेद उर्फ शन्नू, लखन पुरवार, अनीश अहमद, ताज आलम, अख्तर अली, नवाब सिंह, एहसान, गौरव पांडे और सौरभ पांडे (सभी निवासी कालपी) ने उन्हें यह झांसा दिया कि उनकी जमा की गई रकम कुछ वर्षों में दोगुनी हो जाएगी। एजेंट्स ने उनके घर जाकर ही रकम जमा की, लेकिन कभी किसी शाखा की जानकारी नहीं दी।
अब जब पीड़ित अपनी रकम वापस मांग रहे हैं, तो एजेंट्स यह कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं कि LUCC कंपनी फरार हो चुकी है और अब उनकी जमा राशि डूब चुकी है।
रकम मांगने पर दबंगों से धमकी दिलवाई
पीड़ितों ने आरोप लगाया कि जब वे लगातार अपनी रकम वापस लेने का दबाव बनाने लगे, तो एजेंट्स ने नगर के कुछ दबंगों से सांठगांठ कर उन्हें धमकाने की साजिश रच दी। इन दबंगों में रामप्रताप सेंगर, बब्बन ठाकुर और अमर सिंह चंदेल (जो स्वयं को पुलिस विभाग का दरोगा बताता है) का नाम शामिल है।
पीड़ितों का कहना है कि ये दबंग उन्हें जान से मारने, घर से उठवा लेने, खोदकर गाड़ देने और कटवाकर फिंकवा देने जैसी गंभीर धमकियां दे रहे हैं।
“ऑपरेशन विजय” संगठन के नाम पर दी जा रही धमकी
पीड़ितों ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि ये लोग “ऑपरेशन विजय” नामक किसी संगठन से जुड़े हैं और इसी संगठन के नाम पर उन्हें लगातार धमकाया जा रहा है। इस बात की भी जानकारी मिली है कि एजेंटों के हेड अनीश अहमद (निवासी मोहल्ला दीवान खानदान, अदलसराय) ने संगठन के लोगों को उनके पीछे छोड़ने के लिए मोटी रकम देकर सौदा तय किया है।
पीड़ितों ने मांगी सुरक्षा, प्रशासन से की कार्रवाई की मांग
अपने साथ हो रही ठगी और जान से मारने की धमकियों से परेशान होकर पीड़ितों ने तहसील समाधान दिवस में पहुंचकर उपजिलाधिकारी सुशील कुमार और कोतवाली प्रभारी नागेंद्र पाठक को अलग-अलग प्रार्थना पत्र दिए।
पीड़ितों ने प्रशासन से निम्नलिखित मांगें रखीं—
- LUCC चिटफंड घोटाले में शामिल सभी एजेंट्स और उनके सरगनाओं पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।
- पीड़ितों की मेहनत की कमाई वापस दिलाने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाएं।
- धमकाने वाले दबंगों पर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए।
- पीड़ितों को सुरक्षा प्रदान कर किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।
“यदि कार्रवाई नहीं हुई, तो उच्च अधिकारियों से करेंगे न्याय की गुहार”
पीड़ितों ने अपनी शिकायत में स्पष्ट किया है कि यदि प्रशासन इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई नहीं करता, तो वे मजबूरन उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाएंगे और जरूरत पड़ी तो प्रदर्शन करने को भी बाध्य होंगे।
ये लोग हैं ठगी और धमकी के शिकार
इस चिटफंड घोटाले और धमकियों से प्रभावित प्रमुख पीड़ितों में गुलजार, राजू, सुरेश, मोहम्मद लईक, अशफाक, रामकुमार गुप्ता, मोहम्मद यूसुफ मंसूरी, शाहनवाज, मकसूद अली, अरुण सिंह, रहमान, राजू पाठक समेत कई अन्य शामिल हैं।
हालांकि ऑपरेशन विजय के जिलाध्यक्ष रामप्रताप सेंगर का कहना है उनके संगठन से जुड़े किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी को धमकी नहीं दी गयी है, सारे आरोप निराधार हैं। फिलहाल उक्त आरोपों में कितनी सच्चाई है यह जांच का विषय है, अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस गंभीर मामले में क्या कार्रवाई करता है और ठगी एवं धमकियों के शिकार हुए इन गरीब परिवारों को कब न्याय मिलता है।
— ब्यूरो रिपोर्ट डेस्क