2 वर्ष से चल रही राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय भवन निर्माण की योजना फिर अधर में : उपयुक्त भूमि की तलाश जारी, अस्पताल अस्थाई रूप से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में संचालित
जिलाधिकारी ने बीहड़ दर्ज भूमि का प्रस्ताव किया खारिज

कालपी। दो वर्षों से राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के भवन निर्माण के लिए चल रही कवायद एक बार फिर अधर में लटक गई है। प्रस्तावित भूमि को बीहड़ और नान जेड ए (अपरिवर्तनीय भूमि) श्रेणी में दर्ज होने के चलते जिलाधिकारी ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इससे चिकित्सालय को नए भवन के लिए उपयुक्त भूमि की तलाश फिर से करनी पड़ेगी।
तीन दशकों से किराए के भवन में संचालित हो रहा अस्पताल
नगर में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय का अपना भवन नहीं है। पिछले तीन दशकों से यह अस्पताल किराए के भवन में संचालित हो रहा है। भवन स्वामी द्वारा कई बार अस्पताल को खाली कराने का नोटिस दिया जा चुका है, जिससे विभाग के सामने भवन निर्माण की समस्या उत्पन्न हो गई थी। इस समस्या के समाधान के लिए नगर पालिका परिषद ने भवन निर्माण के लिए राजघाट स्थित निर्माणाधीन राजकीय महाविद्यालय के पास भूमि का प्रस्ताव किया था।
जिलाधिकारी ने भूमि का प्रस्ताव किया खारिज
पालिका द्वारा प्रस्तावित भूमि का राजस्व विभाग ने परीक्षण किया और इसे जिलाधिकारी को स्वीकृति के लिए भेजा। लेकिन कालपी खास मौजा में स्थित उक्त भूमि को बीहड़ और नान जेड ए दर्ज होने के कारण जिलाधिकारी ने इसे खारिज कर दिया।
चिकित्सा अधिकारी ने दी जानकारी
चिकित्सा अधिकारी डॉ. पूर्णिमा चटर्जी के अनुसार, अस्पताल के लिए उपयुक्त भूमि की तलाश के लिए राजस्व विभाग और नगरपालिका परिषद को पत्र भेजा गया है। वर्तमान में अस्पताल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में बने एक हाल में संचालित किया जा रहा है, जिससे मरीजों को इलाज में असुविधा हो रही है।
जगह की तलाश जारी
तहसीलदार अभिनव तिवारी ने बताया कि आयुर्वेदिक चिकित्सालय के लिए उपयुक्त भूमि की तलाश जारी है। जैसे ही कोई उपयुक्त जमीन चिन्हित होती है, उसे विभाग को हस्तांतरित कर दिया जाएगा।
राजघाट शौचालय के पास की भूमि पर विचार
पालिका सूत्रों के अनुसार, अस्पताल के लिए राजघाट शौचालय के पास की जमीन पर विचार किया जा रहा है। यदि इस प्रक्रिया में कोई बाधा नहीं आई, तो जल्द ही अस्पताल भवन निर्माण की संस्तुति कर दी जाएगी।
अस्थाई स्थिति में अस्पताल को सुचारु रूप से चलाना एक चुनौती बन गया है। विभागीय अधिकारी जल्द से जल्द इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं ताकि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।
ब्यूरो रिपोर्ट डेस्क