उत्तर प्रदेश

बुंदेलखंड राज्य की मांग पर 26 दिन की पदयात्रा समाप्त: राजा बुंदेला ने दी जेल भरो आंदोलन की चेतावनी

जालौन: बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर 26 दिसंबर से शुरू हुई 26 दिन की पदयात्रा का शुक्रवार को उरई के टाउन हॉल में समापन हुआ। यह यात्रा जालौन के सैदनगर स्थित मां शक्तिपीठ रक्त दंतिका मंदिर से प्रारंभ हुई थी। बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष राजा बुंदेला ने यात्रा के समापन पर चेतावनी दी कि यदि सरकार 4-6 महीने के भीतर बुंदेलखंड राज्य के गठन की दिशा में कदम नहीं उठाती है, तो जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा।

दिल्ली में होगा दो दिवसीय प्रदर्शन

राजा बुंदेला ने बताया कि यात्रा के अगले चरण में राठ, हमीरपुर, महोबा, बांदा और चित्रकूट में पदयात्राएं आयोजित की जाएंगी। महोबा में पदयात्रा का समापन होगा। इसके बाद, दिल्ली में दो दिवसीय प्रदर्शन किया जाएगा, जहां प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

रोजगार की कमी से हो रहा पलायन

एसआर इंटर कॉलेज में आयोजित सभा में राजा बुंदेला ने कहा कि बुंदेलखंड में रोजगार की कमी के कारण 67% लोग अपना घर छोड़ने पर मजबूर हैं। युवा और मजदूर वर्ग बड़े शहरों में फैक्ट्री, पल्लेदारी और मजदूरी के लिए पलायन कर रहा है। उन्होंने कहा कि अलग बुंदेलखंड राज्य बनने से क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर विकसित होंगे।

सात नदियों का पानी, फिर भी बुंदेलखंड प्यासा

राजा बुंदेला ने क्षेत्र की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बुंदेलखंड में सात नदियां बहती हैं, फिर भी यह इलाका प्यासा है। सरकारी उपेक्षा ने क्षेत्र को बदहाली की ओर धकेल दिया है। उन्होंने कहा कि अलग राज्य बनने से जल संसाधनों का उचित उपयोग होगा और ग्रामीण क्षेत्रों का विकास संभव होगा।

जगह-जगह हुआ स्वागत

पदयात्रा के दौरान विभिन्न गांवों और शहरों में व्यापारियों, किसानों, युवाओं और सामाजिक संगठनों ने पुष्प वर्षा कर यात्रा का स्वागत किया। यात्रा के अंतिम दिन उरई के इंटर कॉलेज से शुरू हुई पदयात्रा इलाहाबाद बैंक चौराहे, घंटाघर, और शहीद भगत सिंह चौराहे होते हुए टाउन हॉल पहुंची।

वीरांगना लक्ष्मीबाई की प्रतिमा पर माल्यार्पण

टाउन हॉल में राजा बुंदेला ने वीरांगना लक्ष्मीबाई की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड राज्य बनने से विकास के नए मापदंड स्थापित होंगे।

विभिन्न संगठनों का समर्थन

यात्रा में 18 संगठनों के लोग शामिल हुए और उन्होंने अलग बुंदेलखंड राज्य की मांग का समर्थन किया। कई संगठनों ने अपने समर्थन पत्र भी सौंपे।

महत्वपूर्ण वक्ताओं के विचार

सभा में शिक्षक नेता अशोक राठौर, डा. आश्रय सिंह (यात्रा संयोजक), कुंवर सत्येंद्र पाल सिंह, जयराम सिंह, रामजी लाल पांडेय, शिवम चौहान सोनू (अध्यक्ष, बुंदेली सेना जालौन), और अन्य वक्ताओं ने बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर अपने विचार व्यक्त किए।

अलग बुंदेलखंड राज्य की मांग पर अडिग

सभा में वक्ताओं ने कहा कि बुंदेलखंड, पूर्वांचल और हरित प्रदेश जैसे छोटे राज्यों का गठन देश के विकास के लिए जरूरी है। इन क्षेत्रों को राज्य का दर्जा मिलने से विकास तेज होगा और क्षेत्रीय समस्याओं का समाधान हो सकेगा।

आगे की योजना

राजा बुंदेला ने स्पष्ट किया कि सरकार की उपेक्षा अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि सरकार बुंदेलखंड राज्य के गठन में देरी करती है, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। दिल्ली के प्रदर्शन के बाद भी मांगें पूरी न होने पर जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा।

सभा में उपस्थित प्रमुख लोग

सभा में अशोक राठौर, प्रताप सिंह बुंदेला, दीपक पांडेय, शिवम चौहान सोनू, सुरेंद्र पाल सिंह, राघव सिंह, और शशि सोमेंद्र सिंह सहित कई प्रमुख नेता, व्यापारी, किसान और छात्र शामिल हुए।

इस पदयात्रा ने बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर एक नया जोश और ऊर्जा भर दी है। जनता और संगठनों के बढ़ते समर्थन से आंदोलन की गति और प्रभाव दोनों बढ़ रहे हैं।

रिपोर्ट : डेस्क

 

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