तहसील कालपी

एमएमजीआरवाई दस दिवसीय व्यवहारिक प्रशिक्षण संपन्न

प्रमाण पत्र पाने वाले प्रशिक्षणार्थियों को अच्छे भाव से काम की शुरुआत करनी चाहिए – सैनी

कालपी (जालौन)। मुख्यमंत्री ग्राम उद्योग योजना (एमएमजीआरवाई) के अंतर्गत आयोजित दस दिवसीय व्यवहारिक प्रशिक्षण का समापन मंडलीय ग्राम उद्योग प्रशिक्षण केंद्र, कालपी में संपन्न हुआ। इस अवसर पर समापन समारोह आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न अतिथियों ने अपने विचार व्यक्त किए और प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले उद्यमियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।

प्रशिक्षण की सार्थकता तभी, जब इसे ईमानदारी से अपनाया जाए – दीपचंद्र सैनी

समापन समारोह के मुख्य अतिथि एडवोकेट दीपचंद्र सैनी, जो वरिष्ठ पत्रकार भी हैं, ने अपने संबोधन में कहा कि इस प्रशिक्षण का नाम ही “व्यवहारिक प्रशिक्षण” है। उन्होंने बताया कि किसी भी डिग्री या प्रमाण पत्र का असली मूल्य तभी है जब उसे व्यवहारिक रूप से अपनाया जाए। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा,
“सरकार द्वारा दी गई इस योजना का लाभ तभी मिलेगा जब प्रशिक्षण के उपरांत सभी उद्यमी अपने कार्य को पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ करेंगे। इससे न केवल उनका स्वयं का विकास होगा, बल्कि सरकार की मंशा भी पूरी होगी और क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।”

व्यवसाय की रूपरेखा और रणनीति पर जोर

समारोह की अध्यक्षता मंडलीय प्रशिक्षण केंद्र के प्रचार्य एसपी गोयल ने की। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों से बातचीत करते हुए उनके व्यवसाय की योजनाओं को समझा और सुझाव दिए। उन्होंने कहा,
“जो भी प्रशिक्षणार्थी जिस उद्देश्य से यहां आए हैं, उन्हें उसी कार्य में अपनी पूंजी और ऊर्जा लगानी चाहिए। व्यवसाय को सफल बनाने के लिए यह जरूरी है कि उद्यमी पहले अपने उत्पाद की गुणवत्ता और बाजार की मांग को समझें। कच्चे माल की व्यवस्था, निर्माण प्रक्रिया, विपणन (मार्केटिंग) और सरकारी ऋण की अदायगी की स्पष्ट योजना बनानी होगी।”

प्राचार्य गोयल ने यह भी कहा कि प्रशिक्षण के दौरान उद्यमियों को व्यापार से जुड़े सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर जानकारी दी गई है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें और अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा सकें।

योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई

इस अवसर पर तकनीकी सहायक राम जी राजपूत और विवेक कुमार गुप्ता (एडीओ) ने प्रशिक्षण के उद्देश्यों और इसकी उपयोगिता पर विस्तार से चर्चा की। युवा भाजपा नेता महर्षि सैनी ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी और बताया कि किस प्रकार इन योजनाओं का लाभ उठाकर युवा अपने व्यवसाय को सफल बना सकते हैं।

गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुआ शुभारंभ

कार्यक्रम की शुरुआत महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुई। इसके पश्चात अतिथियों का स्वागत किया गया और उन्होंने अपने विचार साझा किए। इसके बाद दोनों सत्रों के प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए, जिससे वे अपने-अपने व्यवसाय में आगे बढ़ सकें।

उद्यमियों में उत्साह, भविष्य के लिए तैयार

प्रशिक्षण के समापन पर सभी प्रतिभागियों में उत्साह देखने को मिला। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण से उन्हें व्यापारिक प्रबंधन, विपणन और वित्तीय योजना से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां मिलीं, जो उनके भविष्य के व्यवसाय संचालन में सहायक होंगी।

इस अवसर पर प्रशिक्षणार्थियों में वैष्णवी, पूजा, वंदना, रामगोपाल, ब्रजकुमार, राम लखन, अभिषेक वर्मा, सोनू, राजीव अवस्थी सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहे।

एमएमजीआरवाई के तहत आयोजित इस दस दिवसीय व्यवहारिक प्रशिक्षण ने स्थानीय उद्यमियों को व्यवसायिक ज्ञान और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक मजबूत आधार प्रदान किया। यह प्रशिक्षण न केवल स्वरोजगार को बढ़ावा देगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक उन्नति और विकास के नए आयाम भी स्थापित करेगा।

ब्यूरो रिपोर्ट डेस्क

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