जिला जालौनतहसील कालपी

श्याम सुंदर श्रीवास्तव ‘कोमल’ और डॉ. कमलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव “बाल साहित्य भूषण” उपाधि से हुए सम्मानित

श्रीनाथद्वारा, राजस्थान में हुआ भव्य सम्मान समारोह

जालौन। राजस्थान के साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा द्वारा आयोजित “श्री भगवती प्रसाद जी देवपुरा स्मृति समारोह – 2025” के अवसर पर श्याम सुंदर श्रीवास्तव ‘कोमल’ और डॉ. कमलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव को “बाल साहित्य भूषण” की मानद उपाधि प्रदान की गई। यह सम्मान उन्हें हिंदी भाषा और बाल साहित्य के संवर्धन में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए दिया गया।

देशभर के प्रतिष्ठित साहित्यकारों की उपस्थिति

यह सम्मान साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा के सभागार में एक भव्य समारोह के दौरान प्रदान किया गया। इस अवसर पर अरविंद तिवारी (शिकोहाबाद), शिवओम अम्बर (फर्रुखाबाद), डॉ. सुशील सरित (आगरा), हरिओम हरि (राजस्थान), अजय जनमेजय (बिजनौर), महेंद्र रक्तक्रान्ति (अहमदाबाद), दीपक मेहरा (गुजरात), श्रीहरि वाणी (कानपुर), कुशल सिंह पुरोहित (रतलाम), सतीश चंद भगत (बिहार), डॉ. सतीन देसाई परवेज (अहमदाबाद), डॉ. अनंती (तमिलनाडु), डॉ. प्रिया (तमिलनाडु) सहित देशभर से कई वरिष्ठ साहित्यकार उपस्थित रहे।

सम्मान में मिला विशेष उपहार

सम्मान समारोह में दोनों साहित्यकारों को शॉल, श्रीफल, अंगवस्त्र, मुक्तामाल, मेवाड़ी पगड़ी, श्रीनाथ जी की छवि एवं प्रसाद भेंट कर “बाल साहित्य भूषण” उपाधि से विभूषित किया गया।

बाल साहित्य और हिंदी के प्रचार-प्रसार में अमूल्य योगदान

श्याम सुंदर श्रीवास्तव ‘कोमल’ और डॉ. कमलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव हिंदी साहित्य और बाल साहित्य के संवर्धन में वर्षों से सक्रिय हैं। उनकी कई रचनाएँ NCERT सहित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं और कई कृतियाँ शैक्षणिक पाठ्यक्रम का हिस्सा भी हैं।

प्रमुख उपलब्धियाँ

श्याम सुंदर श्रीवास्तव ‘कोमल’

✅ वर्तमान में अशोक हायर सेकेंडरी स्कूल, लहार (भिंड, म.प्र.) में हिंदी व्याख्याता के रूप में कार्यरत।
✅ उनके साहित्यिक योगदान पर बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में शोध प्रबंध प्रस्तुत किया जा चुका है।
✅ हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार और बाल साहित्य लेखन में महत्वपूर्ण भूमिका।

डॉ. कमलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव

✅ वर्तमान में ब्लॉक कुठौंद के प्राथमिक विद्यालय डगरु का पुरवा में प्रधानाध्यापक के रूप में कार्यरत।
✅ बाल साहित्य संवर्धन में विशेष योगदान।
✅ उनकी रचनाएँ कई शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में शामिल।

कालपी में हर्ष का माहौल

रावगंज, कालपी के निवासी इन दोनों साहित्यकारों की उपलब्धि पर पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है। साहित्यकारों, शिक्षकों, कवियों, पत्रकारों और अभिभाषकों ने उन्हें बधाई देते हुए साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा एवं प्रधानमंत्री श्याम प्रकाश देवपुरा के प्रति आभार व्यक्त किया।

हिंदी साहित्य के लिए एक गौरवशाली क्षण

यह सम्मान श्याम सुंदर श्रीवास्तव ‘कोमल’ और डॉ. कमलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव के लिए ही नहीं, बल्कि हिंदी साहित्य और बाल साहित्य जगत के लिए भी गौरव का विषय है। उनकी यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों को साहित्य सृजन के लिए प्रेरित करेगी।

ब्यूरो रिपोर्ट डेस्क

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