तहसील कालपी

जंगल में मिले दो शव, हत्या कर फेंके जाने की आशंका

कालपी (जालौन)। जोल्हूपुर-मदारीपुर रोड स्थित जंगल में रविवार को दो युवकों के शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में एक शव को जलाने की कोशिश की गई थी, जिससे आशंका है कि उसकी हत्या कर पहचान छिपाने का प्रयास किया गया। वहीं, दूसरे शव के पास से कीटनाशक और पानी की बोतल मिलने से आत्महत्या की संभावना भी जताई जा रही है।

जंगलों में लाशें मिलने की पुरानी कड़ी

इस क्षेत्र में शव मिलने की यह पहली घटना नहीं है। ग्रामीणों के अनुसार, जंगल में अक्सर अज्ञात शव बरामद होते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला वर्ष 2003 में भी सामने आया था, जब कानपुर के चर्चित कोचिंग संचालक दीपेश जुनेजा का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई थी और उनका शव इसी इलाके में फेंका गया था।

चरवाहों ने सबसे पहले देखे शव

शनिवार को कुछ चरवाहे पशुओं को लेकर जंगल में गए थे, तभी उन्हें शव पड़े दिखाई दिए। ग्रामीणों को इसकी जानकारी मिलते ही ग्राम प्रधान प्रतिनिधि भूपेंद्र सिंह ने पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लिया। एक शव मदारीपुर रोड स्थित शराब ठेके के सामने जंगल में मिला, जबकि दूसरा वहां से 300 मीटर दूर वन विभाग के वॉच टावर के पास पड़ा था, जिसे जलाने की कोशिश की गई थी।

पुलिस ने शुरू की जांच, उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे

सूचना मिलते ही कोतवाली प्रभारी निरीक्षक नागेंद्र पाठक अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया। अपर पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार वर्मा और क्षेत्राधिकारी अवधेश कुमार सिंह ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस के अनुसार, जंगल में पड़ा शव संदिग्ध अवस्था में मिला है, जिसे पहचान छिपाने के लिए जलाने की कोशिश की गई। वहीं, दूसरे शव के पास से कीटनाशक मिलने से आत्महत्या की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।

फिलहाल, दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। फोरेंसिक टीम ने मौके से महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित किए हैं। पुलिस का कहना है कि शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं और जल्द ही जांच पूरी कर उचित कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस की गश्त कम होने से बढ़ा अपराध?

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में पुलिस की गश्त पहले नियमित रूप से होती थी, लेकिन आबकारी नीति के तहत जब से शराब के ठेके स्थानांतरित हुए हैं, पुलिस की आमद-रफ्त कम हो गई है। इसके चलते अपराधियों ने इस क्षेत्र को सुरक्षित अड्डा बना लिया है।

अराजकतत्वों की बढ़ती सक्रियता

शासन के निर्देश पर जब हाईवे से शराब के ठेके हटाए गए, तो आबकारी विभाग ने इन ठेकों को मदारीपुर रोड पर स्थानांतरित कर दिया। इसके कारण देर रात तक यहां भीड़ बनी रहती है, जिससे अपराधियों और अराजकतत्वों का जमावड़ा भी बढ़ गया है। यह इलाका अब असामाजिक गतिविधियों का केंद्र बनता जा रहा है, जिससे स्थानीय लोग भयभीत हैं।

सीसीटीवी कैमरे होते तो मिल सकता था सुराग

प्रदेश सरकार ने अपराध नियंत्रण के लिए ‘ऑपरेशन त्रिनेत्र’ के तहत सार्वजनिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का अभियान शुरू किया है। कालपी कोतवाली क्षेत्र में 1300 से अधिक कैमरे विभिन्न स्रोतों से लगाए गए हैं, लेकिन मदारीपुर रोड पर अभी भी कैमरे नहीं लगे हैं। अगर इस संवेदनशील क्षेत्र में सीसीटीवी लगे होते, तो पुलिस को अपराधियों का सुराग आसानी से मिल सकता था।

जनता में आक्रोश, सुरक्षा बढ़ाने की मांग

लगातार मिल रहे शवों और बढ़ती आपराधिक घटनाओं को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस इलाके में पुलिस गश्त बढ़ाई जाए और मदारीपुर रोड पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, ताकि इस क्षेत्र को अपराधमुक्त बनाया जा सके।

— ब्यूरो रिपोर्ट डेस्क

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