बालू माफियाओं पर प्रशासन का शिकंजा, आधा दर्जन से अधिक ओवरलोड ट्रक जब्त
रात में चला छापेमारी अभियान, अवैध परिवहन करने वालों में मचा हड़कंप

कालपी (जालौन)। क्षेत्र में बालू के अवैध परिवहन पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन ने एक बार फिर सख्ती दिखाई है। बुधवार देर रात प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने छापेमारी अभियान चलाकर 7 ओवरलोड ट्रकों को कब्जे में लिया। कार्रवाई के दौरान पकड़े गए ट्रकों के पास वैध खनिज प्रपत्र नहीं पाए गए, जिसके चलते उन्हें जब्त कर गल्ला मंडी परिसर कालपी में खड़ा कराया गया।
अवैध बालू खनन: वर्षों से जारी खेल
बालू का अवैध परिवहन क्षेत्र में कोई नया मामला नहीं है, बल्कि यह लंबे समय से एक संगठित धंधे के रूप में चल रहा है। प्रशासन समय-समय पर अचानक छापेमारी कर कार्रवाई करता रहता है, लेकिन इसके बावजूद बालू माफिया अपनी गतिविधियों को बंद करने के बजाय नए तरीकों से इसे जारी रख रहे हैं।
बुधवार रात को उपजिलाधिकारी (एसडीएम) सुशील कुमार सिंह के नेतृत्व में पुलिस क्षेत्राधिकारी अवधेश सिंह, आटा थाना प्रभारी अजय सिंह और खनिज विभाग की टीम ने आटा-इटौरा मार्ग पर सघन चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान 7 ओवरलोड ट्रक पकड़े गए, जिनमें से किसी के पास भी वैध परिवहन दस्तावेज नहीं थे।
ट्रकों को कोतवाली पुलिस की अभिरक्षा में भेजा गया
जांच के बाद सभी ट्रकों को कोतवाली पुलिस की निगरानी में गल्ला मंडी परिसर कालपी में खड़ा कराया गया। एसडीएम सुशील कुमार सिंह ने कहा कि अवैध बालू परिवहन के खिलाफ सख्त अभियान जारी रहेगा और समय-समय पर इसी तरह की कार्रवाई कर ओवरलोडिंग और अवैध खनन पर अंकुश लगाया जाएगा।
कार्रवाई से हड़कंप, लेकिन अवैध कारोबार जारी
प्रशासन की इस कार्रवाई से अवैध रूप से बालू परिवहन करने वालों में हड़कंप मच गया है। लेकिन इसके बावजूद, अवैध खनन और परिवहन पूरी तरह थमने का नाम नहीं ले रहा है। सूत्रों के अनुसार, बालू माफियाओं के पास नए रूट और अलग-अलग समय पर परिवहन करने की रणनीति होती है, जिससे प्रशासन को कार्रवाई करने में कठिनाई होती है।
आगे भी जारी रहेगा प्रशासन का सख्त रुख
प्रशासन ने साफ कर दिया है कि बालू के अवैध खनन और परिवहन पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए आगे भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए सघन चेकिंग अभियान तेज किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन की इस सख्ती से बालू के अवैध परिवहन पर कितनी हद तक लगाम लग पाती है, या फिर माफिया नए तरीकों से इस कारोबार को जारी रखते हैं।
ब्यूरो रिपोर्ट : डेस्क