झांसी: छुट्टी मांगने पर विवाद, थाने में इंस्पेक्टर फूट फूट कर रोया; RI पर दुर्व्यवहार का आरोप, जांच जारी

झांसी में निलंबित इंस्पेक्टर मोहित यादव और प्रतिसार निरीक्षक (RI) सुभाष सिंह के बीच छुट्टी के आवेदन को लेकर गंभीर विवाद सामने आया है। बुधवार रात पुलिस लाइन में हुए इस घटनाक्रम ने पुलिस महकमे को हिलाकर रख दिया। इंस्पेक्टर मोहित यादव का आरोप है कि RI ने उनके साथ न सिर्फ गाली-गलौज की, बल्कि उनके प्राइवेट पार्ट पर लात मारकर उनका अपमान किया। इस घटना से आहत मोहित यादव थाने में बच्चों की तरह रो पड़े।
घटना का विवरण
मोहित यादव, जो वर्तमान में निलंबित चल रहे हैं, पुलिस लाइन में ड्यूटी पर तैनात हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने छुट्टी के लिए आवेदन दिया था, जो प्रतिसार निरीक्षक (RI) सुभाष सिंह के पास से होकर SSP के पास जाना था। बुधवार शाम उन्हें पता चला कि उनका आवेदन आगे नहीं बढ़ाया गया। जब वह RI के कार्यालय में आवेदन लेकर पहुंचे, तो दोनों के बीच कहासुनी हो गई।
इंस्पेक्टर के अनुसार, बहस के दौरान RI ने उनके प्राइवेट पार्ट पर लात मारी और अभद्र भाषा का प्रयोग किया। इस पर उन्होंने 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस बुला ली। हालांकि, पुलिस ने उन्हें ही नवाबाद थाने ले जाकर शिकायत दर्ज कराई।
RI का पक्ष
वहीं, RI सुभाष सिंह ने इंस्पेक्टर के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि मोहित यादव उनके कार्यालय में आए और कॉलर पकड़कर गाली-गलौज करने लगे। उन्होंने आरोप लगाया कि मोहित ने उन्हें जमीन पर पटक दिया और सरकारी काम में बाधा डाली। RI ने इस संबंध में थाने में लिखित शिकायत दी है।
SP सिटी का बयान
झांसी के SP सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मोहित यादव अनुशासनहीनता के कारण निलंबित चल रहे हैं। उनके खिलाफ चार जांचें लंबित हैं। उन्होंने कहा, “मोहित यादव ने RI पर लगाए गए आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं। उन्होंने बुधवार रात RI के साथ अभद्रता की और मारपीट की। इसके लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
मोहित यादव के निलंबन के कारण
- अनुचित शर्तों के साथ त्याग पत्र देना, जिसे अनुशासनहीनता माना गया।
- साइबर थाने में प्रभारी रहते हुए विवेचनाओं का समय पर निस्तारण न करना।
- साथी पुलिसकर्मियों से अभद्रता और दुर्व्यवहार के आरोप।
- उनके खिलाफ अन्य लंबित जांचें।
मामले की वर्तमान स्थिति
दोनों पक्षों ने थाने में तहरीर दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
मोहित यादव का कहना है कि उन्हें जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। उन्होंने पहले भी इस्तीफा दिया था, लेकिन उसे मंजूर नहीं किया गया। दूसरी ओर, RI और पुलिस प्रशासन मोहित यादव के आरोपों को झूठा बता रहे हैं।
पुलिस विभाग में हड़कंप
यह मामला पुलिस विभाग के अंदर गहरी खाई को उजागर करता है। जहां एक ओर अधिकारी पर प्रताड़ना का आरोप लगाया गया है, वहीं दूसरी ओर अनुशासनहीनता और दुर्व्यवहार के कारण इंस्पेक्टर की छवि पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
मामले की जांच के नतीजे पुलिस महकमे की कार्यप्रणाली और अनुशासन व्यवस्था पर बड़ा असर डाल सकते हैं।
रिपोर्ट : डेस्क