सरकारी दस्तावेजों में जिंदा को मृत घोषित कर रोकी वृद्धावस्था पेंशन: जालौन के 70 वर्षीय बुजुर्ग एक साल से काट रहे सरकारी दफ्तरों के चक्कर

जालौन में सरकारी लापरवाही का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कोंच तहसील के ग्राम बस्ती के निवासी 70 वर्षीय अवध बिहारी को सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित कर उनकी वृद्धावस्था पेंशन रोक दी गई। पिछले एक वर्ष से अवध बिहारी बैंक और समाज कल्याण विभाग के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन तमाम प्रमाणों के बावजूद उनकी पेंशन बहाल नहीं हुई है।
डीएम और एसपी से लगाई गुहार
आखिरकार, परेशान होकर अवध बिहारी ने शनिवार को कोंच थाने में आयोजित समाधान दिवस में जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय और पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार से शिकायत की। उन्होंने अपने जीवित होने के प्रमाण सौंपते हुए पेंशन बहाल कराने की गुहार लगाई।
गलती से रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम
अवध बिहारी ने बताया कि उनके छोटे भाई श्याम बिहारी का निधन करीब एक साल पहले हुआ था। पंचायत मित्र द्वारा की गई जांच में गलती से मृतक के स्थान पर अवध बिहारी का नाम दर्ज कर दिया गया। इसी गलत रिपोर्ट के आधार पर समाज कल्याण विभाग ने उन्हें मृत घोषित कर पेंशन बंद कर दी।
तीन महीने पहले जमा किया जीवित प्रमाण पत्र
अवध बिहारी ने चार महीने पहले बैंक से जानकारी ली तो पता चला कि पेंशन विभाग से जारी नहीं हुई है। समाज कल्याण विभाग में पता करने पर उन्हें सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित होने की जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने तीन महीने पहले जीवित प्रमाण पत्र जमा किया, लेकिन इसके बावजूद उनकी पेंशन बहाल नहीं की गई।
डीएम ने दिए जांच और भुगतान के निर्देश
समाधान दिवस में शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय ने तत्काल समाज कल्याण विभाग को अवध बिहारी की पेंशन बहाल करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि अवध बिहारी को पूरी बकाया पेंशन का भुगतान किया जाएगा। डीएम ने पंचायत मित्र की गलती की जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने की बात कही।
जीविका पर पड़ा असर, न्याय की उम्मीद
अवध बिहारी ने बताया कि पेंशन न मिलने के कारण उनका जीवनयापन मुश्किल हो गया है। डीएम के निर्देश के बाद उन्होंने न्याय की उम्मीद जताई है। इस मामले ने सरकारी प्रक्रियाओं में लापरवाही और जिम्मेदारी तय करने की आवश्यकता पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।
रिपोर्ट : डेस्क